Friday, December 31, 2021

 नव वर्ष की शुभकामनायें 


उजालों की फिर से दुआ मांगता है। 

नया साल  “सूरज”  नया मांगता है।। 

उम्मीदों भरी अब  कहानी सुनाओ  ।

नूतन सा एक ख्वाब आंखों में लाओ ।।  

जीवन की नैया भंवर में फंसे भी तो 

हिम्मत से उसको किनारे पे लाओ ।। 

  

मुश्किल है पूरा सफर मखमली हो, 

दिल तो फूलों से रस्ता सजा मांगता है।   

नया साल  “सूरज”  नया मांगता है।। 


गए हादसे हों भले कुछ बदलकर ।

आएंगी खुशियां पाँव पाँव चलकर ।।

रात होगी मगर तुम न मायूस होना 

जागेगी सुबहा आँखों को मलकर ।।  


मुश्किल है हर दिन नया गीत गाना, 

भौरां कली से भी स्वर माँगता है।। 

नया साल  “सूरज”  नया मांगता है।। 


मुमकिन नहीं है कि सब कुछ नया हो ।

तो ये किसने बोला कि न कुछ नया हो ।।

बातें पुरानी जो रखनी हैं रखिये    

कहने का लहज़ा तो हाँ कुछ नया हो।।


मुश्किल है पूरी इमारत नयी हो,

नींव में एक पत्थर नया मांगता है।।  

नया साल  “सूरज”  नया मांगता है।। 

(सूर्य पाल गंगवार “सूरज”) 


Friday, January 11, 2019

सूरज के  दोहे

१. राही थककर सो गया, हो कर चकना चूर।  
    मज़िल बस कहती रही, मैं थोड़ी सी दूर।। 


Wednesday, June 13, 2012

छुट्टिया अबकी होंगी इतनी हसीं - मैंने सोचा न था

तुम हो तो कहाँ कोई बात बुरी लगती है ..
तुम नहीं होती हो तो .............................


छुट्टिया अबकी होंगी इतनी हसीं - मैंने सोचा न था ... मैंने सोचा न था ....


चुपके चुपके किचेन में वो वर्फ खाना याद है ..



मैं खुश हूँ मेरी शैतानियों पे न जाना



 माँ ने जाने कहाँ छिपा दिया - मेरा वर्फ मेरी आइसक्रीम ...............

  नव वर्ष की शुभकामनायें  उजालों की फिर से दुआ मांगता है।  नया साल  “सूरज”  नया मांगता है।।  उम्मीदों भरी अब  कहानी सुनाओ  । नूतन सा एक ख्वा...