नव वर्ष की शुभकामनायें
उजालों की फिर से दुआ मांगता है।
नया साल “सूरज” नया मांगता है।।
उम्मीदों भरी अब कहानी सुनाओ ।
नूतन सा एक ख्वाब आंखों में लाओ ।।
जीवन की नैया भंवर में फंसे भी तो
हिम्मत से उसको किनारे पे लाओ ।।
मुश्किल है पूरा सफर मखमली हो,
दिल तो फूलों से रस्ता सजा मांगता है।
नया साल “सूरज” नया मांगता है।।
गए हादसे हों भले कुछ बदलकर ।
आएंगी खुशियां पाँव पाँव चलकर ।।
रात होगी मगर तुम न मायूस होना
जागेगी सुबहा आँखों को मलकर ।।
मुश्किल है हर दिन नया गीत गाना,
भौरां कली से भी स्वर माँगता है।।
नया साल “सूरज” नया मांगता है।।
मुमकिन नहीं है कि सब कुछ नया हो ।
तो ये किसने बोला कि न कुछ नया हो ।।
बातें पुरानी जो रखनी हैं रखिये
कहने का लहज़ा तो हाँ कुछ नया हो।।
मुश्किल है पूरी इमारत नयी हो,
नींव में एक पत्थर नया मांगता है।।
नया साल “सूरज” नया मांगता है।।
(सूर्य पाल गंगवार “सूरज”)